Mamta kulkarni बनी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर:

Mamta kulkarni बनी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर

Mamta kulkarni बॉलीवुड अभिनेत्री 24 January की शाम संगम तट पर पिंडदान करके किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर बन गई हैं। अब वह यामाई ममता नंद गिरि कहलाएंगी।

Mamta kulkarni बनी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर

बॉलीवुड अभिनेत्री Mamta kulkarni 24 January की शाम संगम तट पर पिंडदान करके किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर बन गई हैं। इसके बाद किन्नर अखाड़े में उनका पट्टाभिषेक हुआ. ममता का पट्टाभिषेक किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किया ।

Mamta kulkarni कैसे बनी महामंडलेश्वर:

53 साल की ममता ने कहा करीब दो दशक से वो साध्वी का ही जीवन जी रही हैं ।साल 2000 से मैंने अपनी तपस्या शुरू की। मेरे गुरु श्री चैतन्य गगन गिरी गुरु नाथ हैं। उनसे मैंने दीक्षा ली थी। उनका कुपोली में आश्रम है। 23 साल से मेरी तपस्या चल रही है।

महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ममता को लेकर अखिल भारतीय अखाड़े के अध्यक्ष रविंद्र पुरी के पास पहुंचीं। ममता और पुरी के बीच काफी देर तक बातचीत हुई। इस दौरान किन्नर अखाड़े के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। उसके बाद महामंडलेश्वर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई।

कौन है आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी:

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी किन्नर अखाड़े की गुरु हैं । जो अब Mamta की भी गुरु हैं । उन्ही के हाथों से बॉलीवुड अभिनेत्री का पट्टाभिषेक हुआ , और उन्होंने ही ममता कुलकर्णी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पदवी से नवाजा।

महामंडलेश्वर का क्या ह नया नाम:

ममता कुलकर्णी का नाम यामाई ममता नंद गिरि हो गया हैं, यह नाम महामंडलेश्वर बनने के बाद मिला हैं । अब वो इसी नाम से जानी जाएगी । Mamta kulkarni साध्वी के रूप में महाकुंभ में शामिल हुईं। वह भगवा कपड़े पहनी दिखीं। उन्होंने गले में रुद्राक्ष की दो बड़ी माला पहन रखी थी। कंधे पर भगवा झोला भी टांग रखा था।

महामंडलेश्वर बनने के बाद क्या कहा Mamta kulkarni ने :

महामंडलेश्वर बनना, वो भी अर्धनारीश्वर स्वरूप के हाथों से बनना। इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है। आज शुक्रवार का दिन है, आदि शक्ति का दिन है। महाकाली का मेरे ऊपर आशीर्वाद है। वो मेरी मां हैं। मैं उनकी अंश स्वरूप हैं। एक आदि शक्ति और अर्धनारीश्वर स्वरूप से मेरा पट्टाभिषेक हो रहा है। इससे और बड़ी चीज क्या हो सकती है।

क्या हैं उद्देश्य नए किन्नर महामंडलेश्वर का :

ममता का उद्देश्य महामंडलेश्वर बनने के बाद हैं सनातन धर्म का प्रचार और प्रसार करना हैं । वो वृन्दावन के आश्रम के लिए प्रचार और प्रसार करेगी । आचर्य डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा की इन कामो के लिए उन्हें पूर्ण सन्याश लेना होगा और पूरी दुनिया को छोर कर हमारी दुनिया में आना होगा ।

आचर्य डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा की जो भी सनातन धर्म में आएगा हम किन्नर उसे अपनाएंगे । उन्हीने आगे यह भी कहा की आगे चल कर ममता को प्रवक्ता बनाने की बात पर पूरा अखाड़ विचार कर रहा हैं ।

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