HMPV virus, जानिए कितना खतरनाक है यह वायरस :
HMPV virus एक नया वायरस जो covid 19 महामारी के 5 साल बाद फिर से दुनिया में दस्तक दे दिया है । यह वायरस भी चीन से ही फैल रही है । भारत में भी दो केस सामने आया है ।

Corona महामारी के 5 साल बाद फिर से चीन में एक नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) तेजी से फैल रहा है । कई मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया जा रहा है की चीन में HMPV वायरस तेजी से फैल रहा है । कोरोना जैसी खरतनाक वायरस HMPV के दो केस भारत में भी डिटेक्ट किया गया है ।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बेंगलुरु के Baptist अस्पताल में दो नवजात, एक आठ महीना का लड़का और एक तीन महीने की लड़की में यह वायरस पाया गया है । इन बच्चों का कोई भी इंटरनेशनल ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है । दोनों विक्टिम की पहचान respiratory viral pathogens की नियमित निगरानी के माध्यम से की गई थी।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा, The Indian Council of Medical Research (ICMR) पूरी तरह से किसी भी परिस्थिति से लड़ने के लिए तैयार है । मंत्रालय ने शनिवार को चीन में पिछले कुछ हफ्तों में सांस की बीमारियों के बढ़ते मामलों की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए एक संयुक्त निगरानी समूह की बैठक की।
HMPV virus, क्या है:
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) Paramyxoviridae परिवार से संबंधित एक वायरस है, जिसमें respiratory syncytial virus (RSV) और parainfluenza वायरस जैसे वायरस भी शामिल हैं। HMPV को 2001 में एक नए रोगज़नक़ के रूप में पहचाना गया था जो मनुष्यों में श्वसन संक्रमण का कारण बतया गया था , विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों में।
HMPV virus की संरचना और आनुवंशिक संरचना:
HMPV एक single-stranded RNA virus है । इसका genome लगभग 13.2 किलोबेस लंबा है और ग्लाइकोप्रोटीन (जी प्रोटीन), फ्यूजन प्रोटीन (एफ प्रोटीन) और मैट्रिक्स प्रोटीन सहित कई प्रोटीनों के लिए एनकोड करता है, जो की host cell को संक्रमित करने की वायरस की क्षमता में प्रमुख एंटीजन हैं। इसकी वायरल संरचना इसे ऊपरी और निचले श्वसन पथ को प्रभावित करके श्वसन संबंधी परेशानी बढ़ने में सक्षम बनाती है।

ट्रांसमिशन और जोखिम कारक:
यह वायरस मौसमी है, एचएमपीवी मुख्य रूप से सर्दियों और वसंत में होता हैं । यह कोरोना के अनुपात में काम खतरनाक है । यह खांसने, छींकने या यहां तक कि बात करने से निकलने वाली सांस की बूंदों से फैलता है।संक्रमित व्यक्तियों या दूषित सतहों के निकट संपर्क से भी फैलता है।
शिशु और छोटे बच्चे, बुजुर्ग व्यक्ति, पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियों (जैसे अस्थमा या क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) वाले लोग और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग में इसके संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
निदान एवं उपचार:
एचएमपीवी का निदान प्रयोगशाला परीक्षणों के माध्यम से किया जाता है, जिसमें पीसीआर (पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) परीक्षण, एंटीजन डिटेक्शन या वायरल कल्चर शामिल हैं। ये परीक्षण श्वसन स्राव जैसे नाक के स्वैब, गले के स्वैब या थूक के नमूनों में वायरस की उपस्थिति की पहचान कर सकते हैं।
एचएमपीवी के लक्षण अक्सर आरएसवी या इन्फ्लूएंजा जैसे अन्य वायरल संक्रमणों के समान होते हैं, निदान की पुष्टि के लिए प्रयोगशाला परीक्षण आवश्यक है।
एचएमपीवी के लिए वर्तमान में कोई वैक्सीन नहीं है। इन्फेक्शन हो जाने पर बुखार कम करने वाली और खांसी दबाने वाली दवाओं और तरल पदार्थ का उपयोग किया जाता है। अधिक गंभीर मामलों में, अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है, और ऑक्सीजन थेरेपी या मैकेनिकल वेंटिलेशन जैसी सहायक देखभाल की आवश्यकता हो सकती है।
रोकथाम:
HMPV virus के रोकथाम का मुख्य तरीका है स्वच्छता को प्राथमिकता देना । इससे बचाव के लिए जरूरी है की मास्क का उपयोग करना , बार बार हाथ धोना, संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क से बचना और सतहों को कीटाणुरहित करना।
India reports first cases of #HMPV virus; govt downplays threat as covid-like fears return pic.twitter.com/fSUIgpknaK
— The Times Of India (@timesofindia) January 6, 2025